Men's HUB – 028, 1st Apr 2023
अपने अपने लिथयार
आजा
द परिरंदा
अब गुलाब इस दुहिनया में न ीं ैऔर +ायद
उसकी यादें भी न ीं ै। बस कभी कभार आंगन में खिखले
लाल गुला
ब उस गुलाब की याद टिदलव ादे
(े ैं।
वैस े (ो गुलाब के साथ मेरी नजदीकी
रिरश्(ेदारी थी , परं(ु मुलाका( ज ा ं(क याद कर पा(ा हूं
लिसफ एक मुलाका( ी याद आ(ी ैऔर वो भी उस व8
जब गुलाब की +ादी थी और वो एक छो ी सी स् ेज पर
बैठा था । स ी मायनों में उस मुलाका( को भी मुलाका(
न ीं क ा जा सक(ा क्योंहिक एक (ो मेरी आय ुबचपन की
थी और हिफ
र मुलाका
( भ ीबहु
( छो ीस ीथी ।
गुलाब वैसे (ो मेरी ब न का पहि( था परं( ुवो
मेरी मौसी सोदामቌኌण का जमाई था और सोदामणी का
आቕኌथंक स् े स मसे काफी ऊपर था इसीलिलए आना जाना
कम ीथ ा।
गुलाब से कभी मुलाका( न ीं हुई परं( ुउसका परिरचय जब भी मिमला (ो एक +राबी के रूप
में ीमिमला
जो अपनी पत्नी क ोअक्सर पी ( ार ( ाथ ा
। ए
क +राब ी
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जसे प चान
(े हु
ए बचप
न गुजर ाउसक ीमृत्
यु की
खबर कोई हिव+
ेष उत्सुक( ाजग ापा( ीऐस ासंभ
व न ींथा
। परं
(ु जान ा( ोजरूर ीथ ा ी
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से पू
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बाद में लोगों की जुबानी जो सुना उ(ना ी काफी था उत्सुक(ा जगान ेके लिलए और हिफर व ा ंगुलाब के मा ंबाप और
अन्य भाई आटिद भी थ े। मृत्य ु(ो अव+यम्बवी ैउस ेबदला न ीं जा सक(ा परं( ुउत्सुक(ा एक टिदन मुझ ेगुलाब के
गांव में ले गई ।
गांव से गुलाब के बारे में मुझे जिज(ना प(ा चला वो लिसफ इस बा( की (रफ इ+ारा कर(ा ैकी गुलाब
एक बहु( ी खूबसूर( और समझदार ्ቤलि8 था । नई जानकारी उस जानकारी स ेएकदम उल थी जो आज (क
सुन
(े आय ाथ ा।
जिजस ब न
से गुला
ब की +ाद ीहु
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र थोड़ ीसी क
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। बचप
न
में कभ ीसोचा
न ीं परं( ुएक उमर के बाद समझ में आ गया की सोदामቌኌण अपन ेआप म ेंएक अजूबा थी और उस अजूब ेके लिलए
कुछ भी असंभ
व न ींथ ा।
आज जब सोच(ा हूं (ो लग(ा ैकी गुलाब ना (ो +राबी था और ना ी वो अपनी पत्नी को पी ( ाथा
वो (ो बस अपने लिथयार इस्(ेमाल कर र ा था । र ्ቤलि8 के अपन ेअपन े लिथयार ैऔर वो उन् ी लिथयार ोंके दम