की कु्ቈा (ो वफादारी की मिमसाल ै| Lीरे Lीरे य ी जुमला म+हूर ो गया और कु्ቈा +ब्द गाली ो( ेहुए भी गाली
न ीं र ा | अब म कु्ቈा +ब्द का इस्(ेमाल मिम्ቔ(ा म ेंभी कर ले( े ै| ्ቚगाढ़ संबंLों म ेंइस +ब्दावली का इस्(ेमाल
बहु
( ैऔ
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( जाय ान ींकर
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इसी (र
से क दे( े ैक ीकु्ቈ ावफादा
र ्ቚाणी ै|
व (ो अं्ቇेज के दरवाजे पर कु्ቈा लिलख ादेख कर स ोगय ीथी | उसने कुछ हिकय ा ी न ीं बस सो(ी र ी
| उसके पास करने को कुछ था ीन ीं लिल ा
ज़ा कुहि(य ाआ
ज भी प
ले क ी(र आ
ज भ ीगाल ी ी ै| व प ले भी
खाली थी आज भी खाली ैलिल ा
ज़ा अ
ब व इ
स (र अपन ावक़्
( पा
स कर( ी ै|
व अक्सर मसे सवाल कर(ी ैकी कु्ቈा वफादारी की मिमसाल और कु्ቈीया गाली क्यों ै| मैं क ना
चा (ा हूँ की कु्ቈा वफादारी की मिमसाल बन गया मारी कमठ(ा के कारण और कुलि्ቈय गाली र गया (ुम् ारे
हिनकम्मेपन के कारण ।
अक्सर च
ुप र जा( ा
हूं मुझे अभी बहु
( कु
छ करन ा ैबहु
( आ
गे जान ा ैऔ
र उ
से ……