Men's HUB Issue 026 by Men's HUB - HTML preview

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Menʼs HUB 26

क वता

उस युग म स य वजेता था आज के युग म भी स य वजेता रहेगा, पु षो म तुम पहले भी अधम पर वजय थे और आज भी तु हारे पु षाथ क वजय होगी, है पु ष! तु हे आ मह या क भावना को दर कनार कर, तु हे जीवन जीना होगा! तु हे आगे बढ़ना होगा! तु हे वजय ा त करना होगा, हे पु ष तु हे अपने अंदर के रावण का वध कर तु हे वजय ा त करना होगा।।

तु हे वजय होना होगा!

तु हे वजय होना होगा!

जी हा म रावण! जाग क पु ष क सेना देख भ व य के त नि चंत हूं, इस नि चंतता के साथ आ ा चाहता हूं,

फर मुलाकात के लए उ सा हत हूं।।

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मे स हे पलाइन 8882 498 498 पर फोन कर संबो धत करते रावण।