Kavitanjali by Dr Ram Lakhan Prasad - HTML preview

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हम र मन

हम र मन जर स अल्हड है और यह थ ड़ स चांचि भी है

इसी विए मैं इसक अर्ने क बय में रखत हूँ ज मांचि भी है

सब भिे बुरे क ध्य न है इस क आर्गे क् ह र्ग ये सब ज ने

यही त मेर मन है ज हम री सभी इक्छ ओ क भी ज ने म ने

भिे यह यह ूँ िह ां दौड़ िर्गत है र्र मैं इस क बस में रखत हूँ

हम रे विए ये अर्न है और सब आवर्ग क िि देत भी रहत है

अर्ने मन की मैं सुनत हूँ और मेर मन हम र भी सुन िेत है

हम एक दयजे के मन के मीत और स थी है िह मेरी सुन िेत हैं

इस मन के मौजी हैं हम यह हम र सब कुछ ज न म न विय है

इसकी त मैं म न रखत हूँ क्यांवक ये हमक बहुत कुछ वदय है

य र न सुन कभी अर्गर तुमक बुर कहे इस वजांदर्गी में क ई

िेवकन वकसी से भी न कह अर्गर तुम्ह र बुर करत है क ई

इतन करते रह की र क ि उन सब क ज र्गित चिे क ई

म फ़ी करद उन सभी क अर्गर तुम से खत करत है क ई

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हर चीज वबक ऊ है यह ूँ

इस दुवनय के यह ब ज़ र में यह ूँ हर चीज़ वबक ऊ है

प्य र म हब्बत उल्फत और हम रे च हत भी वबक ऊ है

हम सब की कुछ न कुछ कीमत त है यह ूँ यह सही है

जज़्ब त एहस स सकयन और र हत जैसी चीज़ वबक ऊ है

च हे ज्य द ह य कम र्र हर एक चीज़ क एक ही द म है

ररश्े न ते इज़्ज़त और र्गैरत यह भी सब यह ूँ र्र वबक ऊ है

त जुब है की हम सब वबक रहें हैं चांद कौवड़य ां के म ि यह ूँ

दीन ईम न जमीर और सद कत यह भी सब वबक ऊ हैं यह ूँ

ये सच है सद से िर्ग रहत है खरीदद र ां क बड़ भीड़ यह ां

सभी ख़ुशी ईम न और हम रे रहन सहन भी वबक ऊ हैं यह ूँ

यह भी सच है की खरीदने ि ि क सब वमि ज त है यह ूँ

सब सत्त त रीफ़ नेक न मी और श हरत भी वबक ऊ हैं यह ूँ

यह भी ि भी तुम भी मैं भी हम सब भी अब वबक ऊ हैं यह ूँ

चि अब अर्नी अर्नी ब िी िर्ग ि सब चीज़ खरीद ि यह ूँ

अब मुझे भी अर्ने वबकने क सही कीमत क ख जन है यह ूँ

जीिन इस तरह वबत न है की हर वदन एक नय जसन ह यह ूँ

इस छ टी सी वजांदर्गी में जीि ऐसे की यह वजांदर्गी कम र्ड़ ज ए

मुस्कुर ओ और हांस इतन की र न ध न भी मुक्तिि ह ज ए

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जह ूँ ख ज िही र् य

स रे जीिन भर मैं क् ख जत रह इस सांस र में जब सब कुछ मेरे

अांदर थ

न ज ने मैं क् ां और क् देखत थ और ां में जब मेर ही मन हम र

दर्पण थ

ये दुवनय ां क ई दौड़ नहीां है तय ही ि दौड़ने ि ि है वजसक क ई थ ह

नही ां है

जर रुक कर खुद से ब तें करिे क् अांतर मन क श ांत करने क

च ह नहीां है

अर्ने सर्न की र्गहर इय ां क समझ अर्ने अांदर की अच्छ इय ां क